Warning: sprintf(): Too few arguments in /www/wwwroot/spiritualstories.in/wp-content/themes/newsmatic/inc/breadcrumb-trail/breadcrumbs.php on line 252

Warning: sprintf(): Too few arguments in /www/wwwroot/spiritualstories.in/wp-content/themes/newsmatic/inc/breadcrumb-trail/breadcrumbs.php on line 252

Warning: sprintf(): Too few arguments in /www/wwwroot/spiritualstories.in/wp-content/themes/newsmatic/inc/breadcrumb-trail/breadcrumbs.php on line 252

Warning: sprintf(): Too few arguments in /www/wwwroot/spiritualstories.in/wp-content/themes/newsmatic/inc/breadcrumb-trail/breadcrumbs.php on line 252

बाबा श्री चंद जी और शंख की बहुत ही सुंदर साखी

बाबा श्री चंद जी और शंख की बहुत ही सुंदर साखी



बाबा श्री चंद जी और शंख की बहुत ही सुंदर साखी

एक बार की बात है। बाबा श्री चंद जी अपनी यात्रा के दौरान गुजरात की द्वारकापुरी मे पहुंच गए। वहां  बाबा श्री चंद जी ने अपना आसन समुंदर के किनारे लगाया, भाई कमलिया जी और बाबा रामदास जी उनके साथ थे।बाबा श्री चंद जी समुंदर के किनारे के मनमोहक और सुहाने मौसम का आनंद ले रहे थे, उस वक्त गर्मी का मौसम था बाबा धर्मदास जी को बहुत प्यास लग रही थी । उन्होंने बाबा जी से पानी पीने की इच्छा प्रकट की, बाबा श्री चंद जी ने मुस्कुराकर कहा लो धर्मदास जी यह कौन सी बड़ी बात है, अभी आप को पानी पिलाते हैं. यहां कौन सी पानी की कमी है. करतार आपके लिए अभी पानी का प्रबंध कर  देंगे फिर आप जितना मर्जी पानी पी लेना।

बाबा श्री चंद जी ने जैसे ही यह वचन कहे उसी समय वहां पर श्री वल्वा जी और एक मंदिर का पुजारी बाबाजी के करीब आकर खड़े हो गए, उन्होंने सिर को झुका कर बाबा जी को प्रणाम किया. बाबा श्री चंद जी ने उनको आशीर्वाद दिया. उन्होंने उठकर बाबा जी से अरदास की, बाबा जी आप हमारे यहां आए हैं कृपया भोजन करने की कृपा करें ।  बाबा जी ने उनको कहा कि इस वक्त खाने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं है. अगर आप हमारे लिए कुछ करना चाहते हैं तो कहीं से मीठे जल का प्रबंध कर दो ।

बाबा जी की बात सुनकर उन्होंने थोड़ा निराशा से कहा कि बाबा जी आप तो अंतर्यामी हो, आप तो सब कुछ जानते हैं ।  इस इलाके में पानी की बहुत ज्यादा कमी है, यहां रहने वालों लोगों को पानी लाने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है । उन्होंने बाबा जी से कहा कि आप तो सिद्ध पुरुष हो, आप सब कुछ कर सकते है, यह एक रेगिस्तानी इलाका है. बाबा जी आप ही हम पर कृपा करें और मीठे जल का प्रबंध करें ताकि यहां रहने वाले लोगों का भला हो जाए ।  यहां के लोग भी मीठा जल पी सके और यहां आने वाले आप जैसे महापुरुषों का खाने के साथ-साथ मीठे पानी के साथ भी सत्कार कर सके । इस जगह पर खाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन मीठे पानी का कोई भी इंतजाम नहीं है. इसलिए यहां रहने वाले लोगों पर दया करें ।

बाबा जी को यह अरदास करके श्री बलवा जी और पुजारी भी वहीं पर बाबा जी के चरणों में बैठ गए । थोड़ी देर बाद कुछ औरतें  पानी की मटकी भर के पसीने से लथपथ उधर से आती हुई नजर आई । बाबा श्री चंद जी ने उन औरतों को देखकर इशारा किया और बड़ी नम्रता से कहा कि हमारे शिष्य को थोड़ा पानी पिला दो लेकिन उन औरतों ने पानी पिलाने से साफ इनकार कर दिया । उन्होंने  बाबा जी से कहा कि हम इन को पानी कैसे पिला सकते हैं क्योंकि यह एक रेगिस्तानी इलाका है । यहां समंदर के खारे पानी के अलावा और कुछ भी नहीं है. हम लोग भी बहुत दूर चल कर इतनी गर्मी में मुश्किल से यह पानी लाते हैं । घर में बच्चे और बुजुर्ग सभी बहुत प्यासे हैं. बाबा जी हमने यह पानी उनको पिलाना है कृपया आप हमें क्षमा करें हम आपको यह पानी नहीं दे सकते । कृपया आप कहीं और से पानी का प्रबंध कर ले और अपने शिष्य की प्यास बुझाने का इंतजाम कर ले ।

वह औरतें बहुत ज्यादा थक गई थी इसलिए वह अपनी थकान मिटाने के लिए थोड़ी देर वहां बैठ गई । उनके पीछे पीछे एक बूढ़ी औरत घड़ा उठाकर धीरे धीरे चलती हुई आ रही थी। बाबा जी ने उस औरत कहा कि माताजी हमारे इस शिष्य को थोड़ा पानी पिला दे, वृद्ध औरत ने बाबाजी की आवाज सुनकर मटका नीचे बाबा जी के चरणों में रख  दिया और बड़े ही प्रेम और श्रद्धा से कहा कि बाबाजी पानी हाजिर है, आप अपने शिष्य को भी पिलाओ और खुद भी यह मीठा जल ग्रहण करें ।

बाबा श्री चंद जी, माता के प्रेम भरे वचन सुनकर बहुत प्रसन्न हुए, और बाबा कमलिया जी को कहा कि आप सभी को मीठा जल पिलाओ और धर्मदास जी की भी प्यास बुझाओ । भाई कमलिया जी ने सभी को मीठा जल पिलाया और सभी की प्यास बुझाई ।

जब माताजी का घड़ा बिल्कुल खाली हो गया तो उन्होंने बाबा जी के चरणों में सर झुकाया और प्रार्थना की कि बाबाजी इस रेगिस्तानी इलाके में पानी की बहुत ही ज्यादा कमी है हम लोगों को बहुत कष्ट सहकर बहुत दूर से पानी लाना पड़ता है।  हम सब लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं. आप इस रेगिस्तानी इलाके वाले लोगों पर कृपा कीजिए आप तो महापुरुष हैं इस जगत को बनाने वाले आप ही हैं कृपया आप इस इलाके का कल्याण करें, इस रेगिस्तानी इलाके को भी आप मीठे जल का वरदान दे दे ।

बाबा श्री चंद जी  माता जी की दुख भरी फरियाद सुन कर बाबा जी मेहरू में आ गए और अपने हाथ में पकड़े हुए शंख को जमीन पर मार कर खड़ा कर दिया ।  बाबा श्री चंद जी के पास खड़े हुए सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए, जब उन्होंने देखा कि अचानक ही शंख में से मीठे जल की धारा बहने लगी, और कुछ ही वक्त में वहां पर एक मीठे जल का छोटा सा सुंदर तालाब बन गया । वहां पर खड़े हुए सभी लोगों और औरतों ने जब यह आश्चर्यजनक नजारा देखा तो सभी बाबाजी के चारों तरफ इकट्ठा हो गए और बाबाजी के चरणों में गिर गए और कहने लगे, आप महान हो बाबाजी ऐसा चमत्कार हमने जीवन में पहले कभी नहीं देखा ।

वहां खड़ी हुई वह औरतें जो सबसे पहले आई थी जिन्होंने बाबा जी को पानी देने से मना कर दिया था वह बाबा श्री चंद जी के चरणों में गिरकर अपनी गलती की माफी मांगने लगी । बाबा जी ने सभी औरतों को आशीर्वाद दिया ।

कुछ देर में ही बाबाजी के इस चमत्कार की खबर चारों तरफ फैल गई  । आसपास के इलाके के सभी लोग बाबा श्री चंद जी के इस चमत्कार को देखने आ गए  । सभी लोग बाबाजी के चरणों में गिरकर आशीर्वाद लेने लगे. बूढ़ी माता जी ने भी बाबा जी को धन्यवाद दिया और अपना पानी का मटका भरकर घर को चली गई ।

बाबा श्री चंद जी के इस चमत्कार की खबर चारों ओर फैल गई, बाबा श्री चंद जी ने जहां यह करिश्मा किया था उस जगह को आज शंखासर कहते हैं । यह जगह द्वारकापुरी के द्वारका भेट से तकरीबन दो मील दूर स्थित है यहां पर मीठे जल का छोटा सा तालाब बना हुआ है । यहां पर पहले कुछ फकीरों का कब्जा था लेकिन आजकल इसकी देखरेख उदासी संप्रदाय के लोग करते हैं । इस जगह पर बाबा जी का बहुत ही सुंदर मंदिर भी बना हुआ है ।


शिक्षा : बाबा श्री चंद जी की इस सुंदर साखी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संत सब कुछ कर सकते हैं । हमें संतों की बातों पर पूर्ण रूप से विश्वास करना चाहिए और प्रेम प्यार से उनकी बातों पर अमल करना चाहिए । संत इस दुनिया में आते ही हमारा भला करने के लिए हैं ।

दोस्तों अगर आपको बाबा श्री चंद जी की यह सुंदर साखी अच्छी लगी हो तो कृपया व्हाट्सएप और फेसबुक पर जरूर शेयर कीजिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *