वर्तमान में जीने का तरीका,How to be in the present moment always - spiritualstories

वर्तमान में जीने का तरीका,How to be in the present moment always

वर्तमान में जीने का तरीका
गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी


वर्तमान में जीने का तरीका

एक बार भगवान बुद्ध एक सभा में उपदेश दे रहे थे वहां बैठे हुए सभी लोग भगवान बुद्ध के उपदेश को बड़े ध्यान से सुन रहे थे कि तभी वहां बैठा हुआ एक व्यक्ति खड़ा हुआ और भगवान बुध से बोला, गुरुदेव मैं बहुत परेशान हूं क्योंकि मुझे ऐसा महसूस होता है कि आज तो मैं खुश हूं लेकिन मेरे आने वाले कल का क्या होगा । आने वाले कल की परेशानी मुझे खुश रहने नहीं देती । क्या आप मुझे इसका कोई उपाय बता सकते हैं । 

भगवान बुद्ध उसको देख कर मुस्कुराए और बोले यह बात सच है कि इस दुनिया में हर दुख का निवारण होता है । उस व्यक्ति ने भगवान बुद्ध की तरफ देखते हुए पूछा कि कैसे ? भगवान बुद्ध बोले इस बात को मैं तुम्हें एक कहानी के जरिए समझाता हूं । तुम जरा ध्यान से सुनना ।

एक जादूगर था जो जादू दिखाता था और अपनी बातों से लोगों को हंसाता था । धीरे-धीरे उस जादूगर की प्रसिद्धि बहुत फैल गई थी । उसकी प्रसिद्धि इतनी फैल गई थी के यह बात वहां के राजा तक पहुंच गई और राजा ने उसे जादू दिखाने के लिए महल में बुलाया । जादूगर ने मन ही मन सोचा कि अब पैसे कमाने का मौका आ गया है । उसने सोचा कि मैं राजा को कोई अच्छा सा जादू दिखा दूंगा ताकि मुझे राजा खुश होकर अच्छा इनाम दे ।

वर्तमान में जीने का तरीका

यह बात सोचते-सोचते जादूगर राजा के महल तक पहुंच गया था । राज दरबार में पहुंचकर जादूगर सोचने लगा कि आखिर कौन सा जादू दिखाऊं क्योंकि सारे जादू तो मैं दिखा चुका हूं । आज कुछ नया करता हूं और जादूगर ने राजा का मुकुट ही गायब कर दिया । जैसे ही राजा का मुकुट गायब हुआ  सब दरबारी राजा के ऊपर हंसने लगे  । राजा ने इस बात को अपना अपमान समझा और वह जादूगर पर गुस्सा करने लगा । राजा ने गुस्से मे सैनिकों को कहा कि इस जादूगर को कारावास में डाल दो और एक हफ्ते बाद इसे फांसी दे दो ।

जादूगर राजा के महल में गया तो इस आशा से था कि राजा से कोई अच्छा सा इनाम मिलेगा लेकिन उसे जेल में डाल दिया गया । जैसे ही यह बात उसकी पत्नी को पता चली तो वह रोती चिल्लाती अपने पति के पास पहुंची । जब वह अपने पति के पास गई तो उसने देखा जादूगर मुस्कुरा रहा था । उसकी पत्नी ने जब उसको मुस्कुराते हुए देखा तो कहा तुम पागल तो नहीं हो गए हो सात दिन बाद तुम्हें फांसी दे दी जाएगी और तुम मुस्कुरा रहे हो ।

वर्तमान में जीने का तरीका

जादूगर ने उसको कहा कि तुम परेशान क्यों हो रही हो अभी तो सात दिन का समय है इसलिए अभी मुस्कुराओ और खुश रहो सब ठीक हो जाएगा । जादूगर की बात सुनकर उसकी पत्नी को लगा के यह  पागल हो गया है । अपनी मौत को सामने देखकर अनाप-शनाप बातें कर रहा है ।

उसकी यह हालत देखकर उसकी पत्नी वहां से चली गई । वह रोज उससे मिलने आती और वह रोज कहता के आज पांच दिन बचे है आज चार दिन बचे हैं और अंत में फांसी का दिन आ गया और राजा आखरी बार घोड़े पर सवार होकर जादूगर से मिलने के लिए गया । जादूगर ने राजा के घोड़े को देखा तो उसके दिमाग में एक आइडिया आया ।

जैसे ही राजा उसके पास पहुंचे तो जादूगर जोर जोर से रोने लगा तब राजा बोला उस दिन तो मेरा मुकुट गायब कर दिया था । जादू दिखा रहा था और आज फांसी का दिन आया है तो रो रहा है । जादूगर ने कहा कि नहीं महाराज, मैं मरने से नहीं डरता मरना तो एक दिन सबको है लेकिन मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं बरसों से एक कला सीखने की कोशिश कर रहा था । कला से मैं घोड़े को उड़ना सिखा रहा था और वह काम दो साल में पूरा होने वाला था लेकिन अब वह कला मेरे साथ ही चली जाएगी ।

जादूगर की बात सुनकर राजा ने सोचा के अगर उड़ने वाला घोड़ा मेरे पास आ गया तो मैं कोई भी युद्ध आसानी से जीत सकता हूं । यह सब सोचकर राजा ने जादूगर से कहा कि अगर तुम मुझे वह घोड़ा दे दो तो मैं तुम्हें फांसी की सजा नहीं दूंगा । अगर तुम्हें इस काम को करने में दो साल लगेंगे तो मैं तुम्हें दो साल के लिए रिहा करता हूं  । वहां से निकलकर जादूगर अपनी पत्नी के पास पहुंचा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी रो रही है और घर में मातम का माहौल छाया हुआ है । जैसे ही उसकी पत्नी की नजर उसके ऊपर पड़ी तो वह खुश हो गई और उसने जादूगर से पूछा कि राजा ने तुम्हें क्यों छोड़ दिया । जादूगर ने कहा कि राजा ने मुझे एक शर्त पर छोड़ा है कि मुझे उसे दो साल में एक उड़ने वाला घोड़ा देना है ।

जादूगर की बात सुनकर की पत्नी नाराज होने लगी और बोली क्या तुम पागल तो नहीं हो गए  ? यह कैसा वादा करके आए हो कहां से लाओगे उड़ने वाला घोड़ा यह तो हो ही नहीं सकता? जादूगर ने उसकी बात सुनकर कहा यह तो मुझे भी पता है कि यह नहीं हो सकता पर दो साल का जो समय मिला है उसे हम खुशी से जी सकते हैं ।समय बीतता गया और दो साल बाद राजा की मौत हो गई ।

कहानी जब खत्म हो गई तो महात्मा बुद्ध ने कहा कि हर चीज का निवारण हो सकता है अगर हम शांति से काम ले तो हर समस्या का समाधान मिल सकता है ।

शिक्षा : महात्मा बुद्ध की इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि हमें आज में खुश रहना चाहिए । लोग कल की चिंता में अपना आज भी खराब कर देते हैं जिस कल को हमने देखा ही नहीं उसकी चिंता क्या करना । कल जो होगा अच्छा ही होगा इसलिए दोस्तों हंसी-खुशी जिओ क्योंकि अगर हमारे पास कुछ है तो वह आज ही है ।

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