mahatma buddha stories in hindi

भविष्य की चिंता ना करें
इस दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जिसको कोई परेशानी या चिंता ना हो और दुनिया में ऐसी कोई भी परेशानी या चिंता नहीं है जिसका कोई हल ना हो । पुरानी कहावत है कि चिंता चिता के समान होती है क्योंकि चिता मुर्दों को जलाती है और चिंता जीवित इंसान को जला देती है । ज्यादा चिंता करके व्यक्ति अपना समय बर्बाद करता है और ऊपर से दुखी भी रहता है । अगर चिंता करने से कोई परेशानी हल होती है तो चिंता जरूर करनी चाहिए लेकिन यकीन मानिए ऐसा कुछ भी नहीं होता । दोस्तों आज हम एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसको सुनकर आप सभी तरह की चिंता से मुक्त हो जाओगे ।
प्राचीन समय की बात है, एक बहुत ही धनवान व्यक्ति था उसके पास बहुत ही ज्यादा धन संपत्ति थी । उसकी हवेली में सैकड़ों नौकर चाकर थे और वह बहुत ही खुशहाल जिंदगी जी रहा था । उस व्यक्ति का कारोबार भी बहुत अच्छा चल रहा था जिसकी वजह से वह शहर में सबसे ज्यादा धनवान व्यक्ति माना जाता था ।
भविष्य की चिंता ना करें
एक दिन उस धनवान व्यक्ति ने अपनी पूरी धन संपत्ति का हिसाब लगाया तो उसे पता चला कि उसके पास इतनी ही धन संपत्ति है जिससे उसकी एक पीढ़ी तक खा सकती है । उसके दिमाग में यह आया के मेरे बच्चों के बच्चों का क्या होगा ? वह धनवान व्यक्ति यह बात सोच कर बहुत परेशान हो गया और दिन-रात इसी चिंता में खोया रहने लग गया ।
उन दिनों में भगवान गौतम बुद्ध उस शहर से जा रहे थे, सेठ को गौतम बुद्ध के बारे में पता चला तो उसने सोचा कि मैं महात्मा बुद्ध के पास जाऊंगा और उनसे अपनी इस परेशानी का हल पता करूंगा । वह धनवान व्यक्ति गौतम बुद्ध के पास पहुंचा और उनसे कहा कि भगवन मेरे पास इतना धन होना चाहिए कि मेरे आने वाली सात पीढ़ियों तक को कुछ भी करने की जरूरत ना पड़े और यह धन कभी खत्म ना हो ।
गौतम बुद्ध ने उसकी तरफ देखकर कहां के ऐसा ही होगा लेकिन तुम्हें इसके लिए एक कार्य करना होगा । तुम एक काम करो, तुम्हारे घर के सामने एक टूटा फूटा घर है जिसमें एक बहुत ही गरीब सास और उसकी बहू रहती है । तुम एक काम करना कल तुम उनको एक दिन के लिए खाने का सामान दे आना और बस तुम्हारी यह इच्छा पूर्ण हो जाएगी । जब उस धनवान व्यक्ति ने यह बात सुनी तो वह बहुत खुश हो गया । उसने सोचा यह तो बहुत ही छोटी सी बात है, यह सोच कर वह चिंता मुक्त होकर सो गया ।
भविष्य की चिंता ना करें
अगले दिन सुबह होते ही वह धनवान व्यक्ति खाने का सामान लेकर टूटे-फूटे मकान में पहुंचा । धनवान व्यक्ति ने वहां जाकर देखा कि एक बूढ़ी औरत ध्यान कर रही है और उसकी बहू घर की साफ सफाई कर रही थी । धनवान व्यक्ति ने बड़े ही अभिमान से उसकी बहू को कहा कि यह लीजिए मैं आपके लिए खाने का सामान लाया हूं । बहू ने धनी व्यक्ति की ओर देखा और कहा कि नहीं सेठ जी हमें इसकी जरूरत नहीं है । हम लोगों के पास आज के लिए पर्याप्त भोजन है ।
धनवान व्यक्ति ने कहा कि तो क्या हुआ यह खाना कल तुम्हारे काम आ जाएगा, बहू ने उसकी बात सुनी और कहा नहीं सेठ जी हम कभी भी अगले दिन के लिए भोजन इकट्ठा करके नहीं रखते । भगवान हमारे खाने का रोज इंतजाम कर देता है । धनवान व्यक्ति ने जब बहू की बात सुनी तो हैरान होकर उसका मुंह देखता रह गया । धनवान व्यक्ति ने सोचा कि यह लोग तो मेरे से भी धनवान है जो कल की चिंता नहीं करते और दूसरी तरफ मैं हूं जो अपनी सात पीढ़ियों के लिए परेशान हो रहा हूं ।
धनवान व्यक्ति की समझ में सब कुछ आ गया और उसके अंदर ज्यादा धन प्राप्ति की लालसा नहीं रही, वह व्यक्ति महात्मा बुद्ध की बात समझ गया ।
शिक्षा : दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है के हमें कभी भी कल के लिए परेशान नहीं होना चाहिए अगर हमारा आज अच्छा है तो कल यकीनन अपने आप ही अच्छा हो जाएगा । एक बात हमेशा याद रखना के कल जब भी आएगा, आज ही बन कर आएगा इसलिए अपने वर्तमान में खुश रहो और परमात्मा ने जो हमें यह जीवन दिया है उसे हंसी खुशी अच्छे कामों और परमात्मा की याद में गुजारना चाहिए ।
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