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बाबा बुड्ढा जी की साखी

   एक बच्चा था जिसका नाम था भाई तारु था वह 10  वर्ष का था, और वह रोज सुबह गुरु नानक देव जी का कीर्तन सुनने के लिए जाया करता था एक दिन गुरु नानक देव जी ने भाई तारु को अपने पास बुलाया और पूछा कि तू हर रोज इतनी सुबह कीर्तन सुनने आता…

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परमात्मा के ऊपर विश्वास

    जीवन में हमें हमेशा परमात्मा के ऊपर विश्वास करना चाहिए क्योंकि अगर हमारा परमात्मा के ऊपर पूर्ण विश्वास होगा तो ही हम जीवन में आगे बढ़ पाएंगे। जब तक हम परमात्मा के ऊपर विश्वास नहीं करेंगे हम कभी भी रूहानी तरक्की नहीं कर पाएंगे। परमात्मा के ऊपर हमें इतना ज्यादा विश्वास होना चाहिए…

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गुरु के ऊपर विश्वास

 हम लोग हमेशा सत्संग में जाते हैं, वहां जो कुछ भी बताते हैं उसको समझते भी हैं लेकिन जब हमारे ऊपर कोई मुसीबत आती है तो हमारा विश्वास बिखर जाता है। हमें हमेशा अपने गुरु के ऊपर विश्वास रखना चाहिए अगर हमारा विश्वास पक्का होगा तो ही हमारा सत्संग में जाने का उद्देश्य पूरा होगा।…

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भाई मंझ की परीक्षा

  भाई मंझ बड़ा अमीर आदमी था, बल्कि अपने गांव का सबसे बड़ा जमीदार था। वह सुल्तान सखी सरवर का उपासक था। एक दिन इत्तेफाक से गुरु अर्जुन साहेब के सत्संग में चला गया। उसे सत्संग अच्छा लगा। पिछले कर्म उदय हुए, नाम मांगा। गुरु साहिब ने पूछा,“भाई, तू किसे मानता है?” उसने जवाब दिया,”…

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संमन और मूसन का बलिदान

 श्री गुरु अर्जुन साहिब के वक्त दो व्यक्ति, पिता और पुत्र, अच्छे प्रेमी और शब्द के अभ्यासी थे। पिता का का नाम संमन और पुत्र का नाम मूसन था। वे मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे। जब  गुरु साहिब अमृतसर से लाहौर गए तो कोई सेवक कहे कि मेरे घर खाना खाओ, कोई कहे मेरे…

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संत की निंदा

 सत्ता और बलवंडा गुरु अर्जुन देव जी के दरबार में कीर्तन किया करते थे |  अपनी  कमअक्ल और उतावलेपन के कारण उन्होंने बिना सोचे समझे गुरु जी से अर्ज की कि घर में बेटी की शादी है, संगत से कहो कि यह दान इकट्ठा करके उनकी सहायता करें | जब उन्हें कुछ सहायता न मिली…

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