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मालिक की मौज

 एक बार का जिक्र है कि एक  साधु को गुरु नानक साहब के साथ रहने का इत्तेफाक हुआ | जो भेष को बहुत महत्व देते थे, उनको वास्तव में गुरु और नाम पर कोई विश्वास नहीं होता | एक दिन उस साधु ने कहा कि मुझे कोई महात्मा बताओ ताकि मैं उसकी संगति करूं |…

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सूली का शूल बन गया

   एक बार का जिक्र है, एक साहूकार था जो अपने कारोबार में अन्य लोगों से भिन्न था | उसे एक पूरे गुरु की खोज थी जो उसे सत्य का ज्ञान दे सके | उन दिनों गुरु नानक देव का नाम हिंदुस्तान के कोने कोने में फैल चुका था | उस साहूकार को उनसे मिलने…

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