मालिक की मौज
एक बार का जिक्र है कि एक साधु को गुरु नानक साहब के साथ रहने का इत्तेफाक हुआ | जो भेष को बहुत महत्व देते थे, उनको वास्तव में गुरु और नाम पर कोई विश्वास नहीं होता | एक दिन उस साधु ने कहा कि मुझे कोई महात्मा बताओ ताकि मैं उसकी संगति करूं | …